Thursday, September 14, 2023

प्रार्थना





हे प्रभु इक राह दिखा दे
जिंदगी को जीना सिखा दे
खुद ही खुद को ढूँढता मैं तेरे द्वार पर आया हूँ
देख दुनिया की मोहमाया कुछ अधिक चकराया हूँ
दिग्भ्रमित सा खड़ा हुआ अब क्या करूँ मैं
रास्ते चहुँओर हैं किस ओर बढ़ूँ मैं
जिंदगी के इस भँवर को पार लगा दे
हे प्रभु इक राह दिखा दे ..


जाती है राह कौन सी सत्य के द्वार पर 
मुझ अज्ञानी के अंदर तू उसका संचार कर 
वरना भटक जाऊँगा न जाने किस डगर में 
हलाहल भरे हैं जहाँ जीवन के उस नगर में 
रास्तों के कंटकों से अंजान हूँ मैं 
सयानी है दुनिया तेरी नादान हूँ मैं 
मुझ मूढ़ को तू अपना संसार दिखा दे 
हे प्रभु इक राह दिखा दे..


क्या पता नहीं तुझे किस हाल में हूँ मैं 
है त्रिकालदर्शी तू अब क्या कहूँ मैं 
तू जानता है सबकुछ क्या कहना मेरा जरूरी है 
इक तमन्ना मेरे मन की अब भी अधूरी है 
करूँ पूरा उसे कैसे नहीं जानता हूँ मैं 
सत्य जिंदगी का नहीं पहचानता हूँ मैं 
झूठी ही सही मगर इक आस दिला दे 
हे प्रभु इक राह दिखा दे...

सुना है वात्सल्य का सागर है तू 
अगाध करूणा है जिसमें वो गागर है तू 
अपने स्नेह से मुझे भी कभी नहला दे 
प्रेम कभी मेरे लिये भी तू दिखला दे
बंजारे सा फिरता हूँ न जाने किसकी प्यास है
दुनिया का चेहरा देख चुका तू मेरी आखिरी आस है
मन में छाये इस तिमिर को दूर भगा दे
हे प्रभु इक राह दिखा दे 
जिंदगी को जीना सिखा दे 

- निखिल वर्मा 



1 comment:

किष्किन्धा में पत्रकार राहुल

बाली की मृत्यु के बाद सुग्रीव राजा हो गये हैं।  ऋष्यमूक पर्वत पर एक सभा हो रही है जहां प्रभु श्रीराम, अनुज लक्ष्मण, वानर राज सुग्रीव, युवराज...